डाक का पुनर्प्रेषण | Redirection of Mails in Hindi: डाक वस्तुओं को प्रेषक को वापस करना अथवा प्राप्तकर्ता के स्थान परिवर्तन करने की स्थिति में डाक को पुनः उसके पास redirect करना आदि पुनर्प्रेषण के अंतर्गत आता है. डाकघर गाइड 1 की धारा 67 से 73 में डाक वस्तुओं के पुनर्प्रेषण से सम्बंधित प्रावधान किये गये हैं. डाक का पुनर्प्रेषण | Redirection of Mails in Hindi से सम्बंधित सभी प्रावधान निम्नलिखित है –
■ धारा 67: यदि किसी डाक का पुनर्प्रेषण स्थान परिवर्तित कर चुके प्राप्तकर्ता के पास करना है तो धारा 71 में दी गयी शुल्क योग्य पुनर्प्रेषण को छोड़कर अन्य डाक का पुनर्प्रेषण निःशुल्क किया जा सकता है.
■ धारा 68: ऐसे डाक जो प्रेषण हेतु डिस्पैच हो चुके हैं और वह रास्ता में है, इसे बीच के किसी भी कार्यालय से द्वारा पुनर्प्रेषण नहीं किया जा सकता, इसे केवल प्राप्त होने वाले डाकघर द्वारा ही पुनर्प्रेषण किया जा सकता है.
■ धारा 69: निःशुल्क पुनर्प्रेषण के लिए कुछ शर्तें दी गयी है.
■ धारा 70: शर्त के उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान किया गया है. डाक खोलने के बाद उसे प्रथम डाक माना जायेगा जैसे वह भेजा गया था. इसके पुनर्प्रेषण के लिए वही शुल्क लागू होगा जो नियत डाक शुल्क है.
■ धारा 71: यह धारा पुनर्प्रेषण के लिए शुल्क से सम्बंधित है. अगर डाक का पुनर्प्रेषण अन्य क्षेत्र में किया जाता है नियत डाक शुल्क का 50 प्रतिशक प्रभार पुनर्प्रेषण शुल्क लगेगा.
■ धारा 72: प्राप्तकर्ता का निवास पता बदल गया है तो इसकी सूचना सम्बंधित डाकघर को पहले और बाद की पता की जानकारी देनी चाहिए.
■ धारा 73: बदले गये पते की सूचना की वैधता तीन माह की होती है.Peo
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