नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा का पैटर्न | सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में पीडीएफ डाउनलोड.
विषय सूची
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा का पैटर्न :-
- उच्च शिक्षा को मल्टी एंट्री एंड एग्जिट बनाया जायेगा,
- संकाय वार डिग्री व्यवस्था खत्म होगी,
- एक साल पढ़ाई करने पर प्रमाण पत्र(certificate), 2 साल में डिप्लोमा मिलेगी,
- स्नातकोत्तर के बाद सीधे पीएचडी में दाखिला,
- क्रेडिट स्कोर की व्यवस्था,
- एकल उच्च शिक्षा नियामक का गठन,
- देशभर के किसी भी विश्विद्यालय में प्रवेश लिए एक ही कॉमन एंट्रेंस एग्जाम(CEE) आयोजित होंगी,
- प्राचीनतम भाषाओं के विकास व संरक्षण पर जोर।
NEP 2020 का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को मल्टी एंट्री एंड एग्जिट बनाना है। क्योंकि माध्यमिक चरण में संकाय व्यवस्था (Stream सिस्टम) खत्म कर दिया गया है तो ऐसे में बीए बीएससी बीकॉम नाम से डिग्री देना सही नहीं होगा। मेरे कहने का मतलब है कि NEP 2020 के लागू होने के बाद बीए बीएससी बीकॉम की डिग्री नहीं मिलेगी केवल स्नातक की डिग्री दी जाएगी।
महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए NEP 2020 काफी मददगार साबित होगा। एक साल पढ़ाई करने पर प्रमाण पत्र(certificate), 2 साल में डिप्लोमा और 3 साल में डिग्री मिल जाएगी। जो आगे रिसर्च में जाना चाहते हैं वह 4 वर्ष की डिग्री लेगा और 1 वर्ष का स्नातकोत्तर डिग्री लेगा। इसी प्रकार सामान्य विद्यार्थी जो जॉब करने के उद्देश्य से पढ़ाई कर रहे हैं वह 3 वर्ष की डिग्री लेकर 2 वर्ष का स्नातकोत्तर कक्षा में प्रवेश लेगा।
नई शिक्षा नीति 2020 में एमफिल को हटा दिया गया है। आप सीधे 4 वर्ष की डिग्री के बाद 1 वर्ष का स्नातकोत्तर परीक्षा पास करके पीएचडी कर सकेंगे।
अब सामान्य डिग्रीधारक के हाथों में भी एक प्रमाण पत्र और एक डिप्लोमा होगा। अब तक यह होता रहा है कि मान लो कोई विद्यार्थी बीएससी में प्रवेश लिया है और वह प्रथम वर्ष और सेकंड वर्ष उत्तीर्ण कर लिया है तथा अंतिम वर्ष में फेल हो जाता है तो उसे किसी भी प्रकार की प्रमाण पत्र अथवा डिप्लोमा नहीं दिया जाता है, साथ ही उसके 3 वर्ष भी बर्बाद हो जाता है। किंतु अब कोई विद्यार्थी चाहे तो 1 वर्ष बाद पढ़ाई छोड़कर दूसरे क्षेत्र में जाना चाहता है तो उसे संबंधित कोर्स का 1 वर्ष का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। हालांकि गेप सर्टिफिकेट बनवा कर वह कभी भी पुनः दूसरे वर्ष या सीधे सेकंड ईयर में किसी भी विश्विद्यालय में प्रवेश ले सकता है।
NEP 2020 में क्रेडिट स्कोर की व्यवस्था
महाविद्यालयीन छात्रों के लिए क्रेडिट स्कोर की व्यवस्था होगी जो कि उनकी डीजीलॉकर पर स्टोर रहेगी। यह क्रेडिट स्कोर छात्र के भविष्य में पढ़ाई जारी रखने में मदद करेगी। वैसे भी 1 वर्ष में व 2 वर्ष में सर्टिफिकेट व डिप्लोमा का प्रावधान तो है ही ऐसे में क्रेडिट स्कोर ज्यादा मायने नहीं रखेगा।
NEP 2020 में एकल उच्च शिक्षा नियामक का गठन
देश में वर्तमान में उच्च शिक्षण संस्थानों को नियंत्रित करने व उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग कई नियामक संस्था कार्य कर रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इन सभी अलग-अलग नियामक संस्थाओं को खत्म कर एकल नियामक का गठन किया जाएगा। इस एकल नियामक संस्था का नाम “भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (Higher Education Commission of India हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया) होगा।
भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के चार चरण होंगे जो इस प्रकार हैं-
- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामकीय परिषद (National Higher Education Regulatory Council, NHERC)
- मानक निर्धारण के लिए सामान्य शिक्षा परिषद (General Education Council, GEC)
- वित्त पोषण के लिए उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (Higher Education Grant Commission, HEGC)
- मान्यता के लिए राष्ट्रीय प्रत्यानयन परिषद (National Credit Council)
अब तक उच्च शिक्षा संस्थानों को नियंत्रण करने का कार्य यूजीसी, एआईसीटीई, एसीटीई करता था। लेकिन अब पूरे भारत भर में एक ही संस्था एचईसीआई उच्च शिक्षण संस्थानों को नियंत्रण करेगा।
NEP 2020 में कॉमन एंट्रेंस एग्जाम(CEE)
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कॉमन एंट्रेंस एग्जाम महत्वपूर्ण विषय है। अब तक यह होता रहा है कि देश भर के विश्वविद्यालय अपने यहां छात्रों को प्रवेश देने के लिए अपने लेवल पर परीक्षाएं लेता था। सभी विश्वविद्यालय अलग-अलग परीक्षा लेते थे जिससे छात्रों के कम अंक आने पर वह अन्य विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं ले पाता था क्योंकि अलग-अलग परीक्षा की वजह से छात्र कितना परीक्षा दिला पाएगा।
लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद कॉमन एंट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था की जाएगी। कॉमन एंट्रेस एग्जाम संपूर्ण भारत भर में एक ही परीक्षा होगी। अब इसी परीक्षा में मिले रैंक व अंकों के आधार पर देश भर के किसी भी विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालय में प्रवेश पा सकेगा।
संस्कृत भाषा को मजबूत किया जाएगा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत के सभी भाषाओं के संरक्षण और विकास पर जोर दिया गया है। संस्कृत भाषा को मजबूत करने के लिए जरूरी उठाए जाएंगे क्योंकि संस्कृत, पाली और प्राकृत भाषा देश की प्राचीनतम भाषा में से एक है और ऐतिहासिक विरासत को संजोए रखने के लिए इन भाषाओं का विकास व संरक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
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