Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF Download| डाकघर गाइड भाग 2

Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF Download| डाकघर गाइड भाग 2
Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF download: डाकघर गाइड भाग 2 विदेश डाक से सम्बंधित है और यह अध्याय डाक सहायक, डाक निरीक्षक आदि की विभागीय परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. इस लेख में डाकघर गाइड भाग 2 | Post Office Guide Part 2 की कुछ जानकारी बता रहे हैं.
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PO Guide Part 2 in Hindi Topics

Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF में अध्याय सम्मिलित है जोकि विभागीय परीक्षा में पूछे जाते हैं.
  • अनुभाग 1 – सामान्य
  • अनुभाग 2 – पत्र डाक के लिए सामान्य नियम
  • अनुभाग 3 – पत्र डाक की विभिन्न प्रकारों के लिए शर्त
  • अनुभाग 4 – पत्र डाक की विशेष सेवाएं के लिए शर्त
  • अनुभाग 5 – पार्सल डाक
  • अनुभाग 9 – सीमा शुल्क नियंत्रण
  • अनुभाग 10 – निषेध और प्रतिबन्ध
  • अनुभाग 11 – पूछताछ और शिकायतें

Post office Guide Part 2 in Hindi Notes

डाकघर गाइड भाग 2 के सभी सेक्शन (अनुभाग) के महत्वपूर्ण नोट्स और इसनकी सरल व्याख्या नीचे दी गयी है, इस भाग को अधिक पढ़ने के लिए Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF Download करें.

अनुभाग 1 – सामान्य & विविध

■ विदेश डाक वस्तुओं के दो प्रकार हैं – 1. पत्र विदेश डाक, 2. पार्सल विदेश डाक
■ विश्व डाक संघ (Universal Postal Union) का मुख्यालय बर्न, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है, जिसमें शामिल सदस्य देशों की संख्या 192 है. स्थापना वर्ष – 1874
■ एशियाई प्रशांत महासागरीय डाक संघ [The Asian-Pacific Postal Union (APPU)] का मुख्यालय थाईलैंड में स्थित है, जिसमें शामिल सदस्य देशों की संख्या 32 है. स्थापना – 27 मार्च 1981
■ विदेश डाक वस्तुओं के लिए बने विशेष नियम को छोड़कर अन्य सभी नियम अंतर्देशीय डाक व विदेश डाक के लिए लागू होते हैं.
■ अनुभाग 1 की अन्य जरूरी जानकारी डाकघर गाइड भाग 2 हिंदी पीडीएफ में दी गयी है.

अनुभाग 2 – पत्र डाक के लिए सामान्य नियम

■ विदेश डाक शुल्क में स्थल शुल्क भी समिल्लित रहते हैं.
■ विदेश डाक वस्तुओं से सम्बंधित सेवा के स्थगित होने की स्थिति में डाक व हवाई शुल्क लौटा दिया जाता है.
■ पारदर्शी लिफाफे वाले डाक को आवश्यक शर्तों पर ही स्वीकार किया जाता है.
■ डाक वस्तु के ऊपर दर्ज पता रोमन अक्षर और अरबी अंक में लिखा होना चाहिए.
■ विदेश डाक वस्तुओं के प्रेषण हेतु अग्रिम भुगतान फ्रैंकिंग मशीन का मोहर लगाकर की जा सकती है.
■ विदेशों में डाक का वितरण वहां के नियम-कानून के तहत की जाती है.
■ प्रेषक चाहे तो विदेश में भेजे गये डाक पर लिखे गये पते को बदल सकता है, बशर्ते की उस डाक का वितरण नहीं किया हो.
■ नाम परिवर्तन हेतु हवाई मार्ग से पुनः भेजी गयी डाक वस्तु का शुल्क वसूला जायेगा और इस शुल्क को वितरण करने वाला देश रखेगा.
■ प्रीपेड और सुरक्षित लिखा हुआ डाक वस्तु को अधिकतम एक माह तक रोककर रखा जा सकता है, ऐसे वस्तु के प्राप्त होने के आठवें दिन बाद गोदाम शुल्क लिया जाता है. मूल्यदेय डाक वस्तु को अधिकतम सात दिन तक रखा जा सकता है.
■ भारत में प्रथम श्रेणी के डाक जैसे पत्र, हवाई डाक, पोस्ट कार्ड आदि को निःशुल्क पुनः प्रेषित की जा सकती है, चाहे इसका डाक शुल्क लिया गया हो अथवा न भी लिया गया हो.
■ विदेश डाक के वितरण नहीं होने पर उसे प्रेषक को वापस कर दिया जाता है और डाक शुल्क प्राप्तकर्ता से वसूला जाता है.
■ सरकारी डाक जोकि विदेश डाक के रूप में भेजी जा रही हो और उस पर “मूल्य देय” लिखा हो तो ऐसे डाक पर डाकघर के प्राधिकृत अधिकारी हस्ताक्षर करता है.
■ सरकारी डाक जोकि विदेश डाक के रूप में भेजी जा रही हो, के अग्रिम भुगतान के लिए सरकारी डाक टिकट का उपयोग किया जा सकता है.
■ विदेश में कार्य कर रहे भारतीय सेना के किसी कर्मचारी का डाक 56 APO अथवा फ्लीट कार्यालय मुंबई को भेजना चाहिए.
■ सीमा शुल्क योग्य डाक वस्तु के लिए घोषणा फॉर्म CN-22 व CN-23 का उपयोग किया जाता है.
■ अनुभाग 2 – पत्र डाक के लिए सामान्य नियम की और अधिक जानकारी के लिए  Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF पीडीएफ डाउनलोड करें.

अनुभाग 3 – पत्र डाक की विभिन्न प्रकारों के लिए शर्त

■ विदेश से यहाँ आयी डाक वस्तु अगर किसी नियम-कानून का उल्लंघन करती है तो इसके लिए लगने वाले जुर्माना (अंतर्देशीय डाक शुल्क का दुगुना) प्राप्तकर्ता से वसूला जायेगा.
■ भारत से अंतर्देशीय पत्र कार्ड केवल तीन देशों को ही भेजा जा सकता है- नेपाल, भूटान, बांग्लादेश. अन्य देशों को भेजी गयी अंतर्देशीय पत्र कार्ड को अस्वीकार कर दिया जायेगा.
■ विदेश में पोस्ट कार्ड भेजा जा सकता है परन्तु नेपाल, भूटान, बांग्लादेश के अलावा अन्य देशों के लिए पोस्ट कार्ड जवाबी सेवा उपलब्ध नहीं है.
■ पोस्टकार्ड का आवश्यक आकार: अधिकतम- 10.5 × 14.8 सेमी व न्यूनतम 9 × 14 सेमी.
■ शर्त पर खरा न उतरने वाले पोस्टकार्ड को पत्र समान माना जायेगा और पत्र पर लगने वाला डाकशुल्क लगेगा.
■ डाक शुल्क नहीं जमा किये पोस्टकार्ड पर डाक टिकट लगाकर गंतव्य पते पर भेज दिया जाता है.
■ प्रिंटेड पेपर और रजिस्टर्ड समाचार पत्र की कोई निश्चित माप नहीं है.
■ पोस्टकार्ड के रूप में प्रेषित किये प्रिंटेड पेपर पोस्टकार्ड के आकार का होना चाहिए.
■ पोस्टकार्ड के समान आकार के प्रिंटेड पेपर को बिना लिफाफे के खुले भेजे जा सकते हैं.
■ विदेश को रजिस्टर्ड समाचार पत्र प्रेषित करने की अनुमति / लाइसेंस मुख्य पोस्टमास्टर जनरल (CPMG) जारी करता हैं.
■ रजिस्टर्ड समाचार पत्र का अधिकतम वजन: 2 किग्रा.
■ प्रिंटेड पेपर का अधिकतम वजन: 5 किग्रा.
■ पोस्टकार्ड के रूप में भेजे गये प्रिंटेड पेपर अगर पोस्टकार्ड की शर्तों पर खरा नहीं उतरता तो ऐसे प्रिंटेड पेपर को पत्र माना जायेगा और पत्र के समान डाक शुल्क लिया जायेगा.
■ प्रिंटेड पेपर का डाक शुल्क की पूर्व अदायगी अनिवार्य है.
■ भूटान, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका को छोड़कर अन्य सभी UPU सदस्य देशों के लिए बल्क डाक थैला भेजे जा सकते हैं. बल्क डाक थैला का लाइसेंस CPMG या सर्किल प्रमुख जारी करता है जिसके लिए 350 रूपये का शुल्क लिया जाता है.
■ बल्क थैले लेने के तीन दिन के अन्दर खाली डाक थैले लौटा देने का शपथ देना होता है.
■ बल्क डाक थैला का वजन- न्यूनतम: 5 किग्रा, अधिकतम: 30 किग्रा.
■ रजिस्ट्री थैले के खो जाने पर 150 SDR तक का मुआवजा दिया जाता है.
■ छोटे पैकेट सेवा छोटे वस्तुओं को भेजने हेतु शुरू की गयी है.
■ छोटे पैकेट का आकार पत्र के लिए निर्धारित आकार का होना चाहिए. छोटे पैकेट का अधिकतम वजन 2 किग्रा तक हो सकता है. अगर छोटे पैकेट का वजन 500 ग्राम से अधिक है तो इसका डाक शुल्क प्राप्तकर्ता से वसूला जाता है.
■ छोटे पैकेट के साथ सीमा शुल्क घोषणा फॉर्म भरा हुआ होना चाहिए.
■ शर्तों का उल्लंघन करने वाले छोटे पैकेट को भेजने वाले को वापस कर दिया जाता है और उनसे अंतर्देशीय डाक शुल्क के बराबर का डाक शुल्क वसूला जाता है.
■ डाक शुल्क अदा नहीं किये गये डाक को प्रेषक को वापस कर दिया जाता है.
■ मान्यता प्राप्त अंध संस्थान से अंध साहित्य डाक भेजे जाते हैं. अंध साहित्य डाक का आकार पत्रों के लिए निर्धारित आकार के समान होती है.
■ अंध साहित्य डाक का अधिकतम वजन 7 किग्रा तक हो सकता है.

अनुभाग 4 – पत्र डाक की विशेष सेवाएं के लिए शर्त

■ हवाई शुल्क को छोड़कर और कोई शुल्क नहीं लिया जाता.
■ शर्तों का उल्लंघन करने वाले अंध साहित्य डाक को प्रेषक को लौटकर उनसे अंतर्देशीय शुल्क के बराबर डाक शुल्क वसूला जाता है.
■ हवाई डाक को स्थल से भेजने पर इसे पत्र डाक माना जाता है. हवाई पत्र का अधिकतम वजन तीन किग्रा तक हो सकता है.
■ हवाई पत्र के साथ केवल वितरण की सूचना के फॉर्म (Delivery Acknowledgement) रखा जा सकता है, इसके अलावा और कोई डाक वस्तु नहीं रखा जा सकता.
■ शर्तों पर खरा न उतरने वाले हवाई पत्र को एक साधारण डाक पत्र माना जाता है.
■ हवाई डाक/पत्र के मुख के बाएं तरफ नीले रंग का लेबल लगा होता है या फिर एविएशन का छाप लगी होती है.
■ डाक शुल्क अदा नहीं किये हुए हवाई पत्र/डाक को प्रेषक को वापस कर दिया जाता है.
■ रजिस्टर्ड डाक/पैकेट के ऊपर पते की तरफ कैपिटल अक्षर में रजिस्टर्ड रिकमेंट लिख देना चाहिए.
■ रजिस्टर्ड वस्तु में प्रेषक अतिरिक्त शुल्क दे कर वितरण सूचना फॉर्म (Delivery Acknowledgement)  प्राप्त कर सकता है.
■ अनिवार्य बीमा का मतलब सम्बंधित डाक वस्तु के लिए बीमा करना अनिवार्य होगा.
■ रजिस्टर्ड डाक की हानि के लिए डाकघर जिम्मेदार होते है और इसके लिए 30 SDR मुआवजा राशि देने का प्रावधान है.
■ खोये हुए वस्तु के लिए मुआवजा राशि प्रदान करने के बाद यदि डाक वस्तु मिल जाता है तो वह सम्बंधित व्यक्ति पर निर्भर करता है कि मुआवजा राशि लौटाकर अपना डाक वस्तु ले अथवा नहीं. अगर तीन महीने के अन्दर व्यक्ति कोई निर्णय नहीं लेता तो वस्तु डाकघर की संपत्ति हो जाएगी.
■ अधिकतम एक लाख रूपये तक के वस्तु का बीमा किया जा सकता है.
■ बीमित डाक का अधिकतम वजन 2 किग्रा तक हो सकता है.
■ कुछ वस्तुएं जिन्हें डाक से भेजने के लिए डाक बीमा कराना अनिवार्य है- सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, जेवरात, सिक्का, बैंक नोट, बांड्स आदि.
■ बीमाकृत डाक/पत्र का आकार पत्रों के लिए निर्धारित आकार के समान होगी.
■ डाकघर के काउंटर पर बीमित वस्तु देना होता है.
■ बीमित वस्तु के खो जाने पर वस्तु के मूल्य के बराबर और यदि बीमित वस्तु के टूट-फूट अथवा किसी क्षति होने की स्थिति में क्षति के कारण हुई नुकसान का मूल्य प्रदान की जाती है.
■ बीमा का भुगतान प्रेषक को करना है तो प्रेषक अधिकृत डाकघर और प्राप्तकर्ता को करना है तो प्राप्तकर्ता के क्षेत्र के अधिकृत डाकघर बीमा मूल्य का भुगतान करता है.
■ शर्तों पर खरा न उतरने वाले डाक वस्तु का बीमा नहीं किया जाता और उसे अस्वीकार कर दिया जाता है.
■ एक व्यक्ति को जवाबी कूपन भेजे जाने की अधिकतम सीमा-
अंतर्राष्ट्रीय : 10
राष्ट्रीय : 30
■ विदेश को भेजने के लिए कम से कम वजन के गैर रजिस्टर्ड पत्र पर लगने वाले डाक शुल्क के बराबर का डाक टिकट के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय जवाबी कूपन भेजा जा सकता है.
■ विदेश भेजे गये डाक का डाक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है.
■ विलम्ब होने की स्थिति में विदेश डाक पर अंतर्देशीय डाक वस्तुओं के लिए निर्धारित विलम्ब शुल्क के बराबर विलम्ब शुल्क लिया जाता है.

अनुभाग 5 – पार्सल डाक

■ अंतर्राष्ट्रीय पार्सल डाक सेवा अधिकतम देशों में विश्व डाक संघ (UPU) से अनुबंध (Contract) के द्वारा ही संचालित किया जाता है.
■ नेपाल और भूटान देशों को भेजे जाने वाले पार्सलों का रजिस्ट्री कराना जरूरी है.
■ बाकि देशों को भेजे गये पार्सल अंतर्देशीय डाक पार्सल के समतुल्य माना जाता है.
■ विदेश पार्सल की अधिकतम लम्बाई- 1.05 मी., लम्बाई और चौड़ाई का अधिकतम योग- 2 मी.
■ विदेश पार्सल की न्यूनतम आकार- 9 × 14 सेमी.
■ विदेश पार्सल की अधिकतम वजन- 20 किग्रा.
■ विदेश पार्सल के लिए अधिकृत डाकघर से प्रेषण नोट लेकर पार्सल में जरुर लगाना चाहिए, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के देशों को छोड़कर.
■ विदेश पार्सल के साथ दो प्रति में घोषणा फॉर्म रहना चाहिए.
■ विदेश पार्सल के अवितरण की स्थिति में पार्सल को वापस किया जाये या सम्बंधित देश के किसी अन्य व्यक्ति को दे दी जाये यह प्रेषक के प्रेषण नोट पर लिखी गयी बातों पर निर्भर करेगा.
■ अवितरित विदेश पार्सल को सात दिन तक रोककर रखा जा सकता है.
■ अगर किसी पार्सल की पैकिंग ख़राब हो जाये तो उसे दोबारा पैकिंग की जाएगी और इसका शुल्क वसूला जायेगा.
■ विदेश से आये किसी पार्सल का वितरण प्राप्तकर्ता को वितरण कार्यालय में ही किया जा सकता है.
■ विदेश को भेजे गये बीमा पार्सल का डिलीवरी एकनॉलेजमेंट प्राप्त की जा सकती है, कनाडा को छोड़कर.
■ विदेश डाक पार्सल को डाक द्वारा भेजे जाने के बाद भी पार्सल को वापस मंगवा सकता है या पता बदलवा सकता है.
■ कुछ देशों के लिए यह छूट है कि वह विदेश पार्सल के साथ एक पत्र भी भेज सकता है.
■ बीमा योग्य वस्तुओं को गैर-बीमित वस्तु के रूप में भेजा जाये तो इसे अस्वीकार कर दिया जाता है.
■ शाखा डाकघर में विदेश पार्सल का बीमा सीमा अधिकतम 600 रूपये है.
■ अंतर्देशीय दरों के अनुसार विदेश डाक बीमा शुल्क निर्धारित किया जाता है.
■ बीमित डाक वस्तु के सीमा शुल्क घोषणा पत्र और प्रेषण नोट अवश्य रहना चाहिए.
■ वितरण से सम्बंधित गैर-बीमित वस्तु के लिए निर्धारित नियम बीमित वस्तु पर भी लागू होते हैं.
■ बीमित विदेश पार्सल का पुनःप्रेषण करने के लिए दोबारा बीमा शुल्क वसूला जाता है.
■ बीमित योग्य वस्तु को गैर बीमित वस्तु के रूप में विदेश पार्सल से भेज दिया जाता है तो ऐसे वस्तुओं का बीमा करके प्राप्तकर्ता से बीमा शुल्क वसूला जाता है.
■ किसी डाक वस्तु की चोरी अथवा खो जाने अथवा क्षति भारत में होने की स्थिति में अधिकतम 40 SDR तक मुआवजा दिया जाता है. मुआवजा की रकम वस्तु पोस्ट की गयी तिथि में निर्धारित मुआवजा राशि के अनुसार की जाती है.
■ प्रेषक चाहे तो भेजे गये पार्सल का अग्रिम भुगतान करके सीमा शुल्क और अन्य शुल्क से मुक्त कर सकता है. यह व्यवस्था फ्रांक दे द्रोइट्स (Franc de droits) अर्थात free of charges कहलाती है.
■ पार्सल भेजे जाने के बाद भी प्रेषक पार्सल का निशुल्क वितरण के लिए निवेदन कर सकता है.

मनी आर्डर

■ प्रेषक के देश के मुद्रा के अनुसार ही मनी आर्डर कर सकते हैं.
■ भूटान, बर्मा, नेपाल के लिए साधारण अंतर्देशीय मनी आर्डर फॉर्म MO-8 का इस्तेमाल करना चाहिए. रूपये और स्टर्लिंग वाले मनी ऑर्डर को विशेष मनी ऑर्डर फॉर्म MO-7 व MO-9 का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
■ मनी फॉर्म पर प्रेषक को अपना नाम, पदनाम, पता लिखना चाहिए.
■ प्रेषक द्वारा शाखा डाकघर में भरे गये मनी ऑर्डर फॉर्म को जाँच व सत्यापन के लिए सम्बंधित लेखा कार्यालय में भेज देना चाहिए.
■ विदेश मनी ऑर्डर के पता बदलवाने या राशि वापसी हेतु सम्बंधित पोस्टमास्टर से संपर्क करना होगा. पता बदलवाने के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा जबकि प्राप्तकर्ता का नाम बदलवाने के लिए दोबारा शुल्क देना होगा.
■ विदेश मनी आर्डर का भुगतान गंतव्य देश की मुद्रा में की जाती है.
■ विदेश मनी ऑर्डर के वितरण न होने की स्थिति में राशि प्रेषक को लौटा दी जाती है, इनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता.
■ विदेशों से प्राप्त रद्द हुए मनी ऑर्डर का भुगतान प्राप्ति के 6 माह की अवधि के बाद नहीं किया जायेगा और राशि सम्बंधित देश को प्रेषित कर दी जाती है.
■ महानिदेशक डाक द्वारा किसी भी डाकघर के मनी ऑर्डर जारी के अधिकार को निलंबित कर सकता हैं.
■ इस्तेमाल किये जाने वाले मनी ऑर्डर फॉर्म से सम्बंधित
■ निजी संचार
■ जवाबी पत्र का अग्रिम भुगतान
■ पुनर्प्रेषण

अनुभाग 9 – सीमा शुल्क नियंत्रण

■ भारतीय सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के अंतर्गत डाक वस्तुओं के आयत-निर्यात पर लगने वाले सीमा शुल्क का नियंत्रण किया जाता है.
■ विदेश डाकघर और उपविदेश डाकघर में सीमा शुल्क का नियंत्रण करता है.
■ प्राप्तकर्ता द्वारा सीमा शुल्क की रसीद मांगने के लिए आवेदन करने हेतु अधिकतम समय दस दिन है. विदेश डाकघर और प्रधान डाकघर सीमा शुल्क रसीद जारी कर सकते हैं.
■ सीमा शुल्क प्रभार वाले डाक वस्तु पर डाक निकासी शुल्क लिया जाता है.
■ सीमा शुल्क सम्बन्धी किसी नियम के उल्लंघन पर सीमा शुल्क अधिकारी किसी डाक वस्तु को जब्त कर सकता है.

अनुभाग 10 – निषेध और प्रतिबन्ध

■ अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध में तीन प्रकार के डाक निषेध दिए गये हैं –
वस्तु के प्रकार से सम्बन्धी निषेध
सुरक्षा सम्बन्धी निषेध
विशेष उद्देश्य के लिए निषेध
■ भारतीय सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के अंतर्गत भारत सरकार किसी भी वस्तु के आयात पर प्रतिबन्ध लगा सकता है.
■ डाक वस्तुओं के आयात-निर्यात पर पतिबंध व निषेध सम्बन्धी जानकारी के लिए मुख्य नियंत्रक नई दिल्ली से संपर्क कर सकते हैं.
■ विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम द्वारा प्रतिबंधित वस्तु – भौतिक मुद्रा, कीमती पत्थर, सिक्का, सोना, चांदी, जेवरात, चेक, ड्राफ्ट
■ निषेध व प्रतिबंधित सामान को डाक वस्तु के रूप में भेजने वाले (प्रेषक) उतना ही जिम्मेदार है जितना कि उस वस्तु के साथ रखे अन्य वस्तु के नुकसान होने पर डाक प्रशासन जिम्मेदार होता.

अनुभाग 11 – पूछताछ और शिकायतें

■ डाक वस्तु से सम्बन्धी पूछताछ और शिकायत करने की अधिकतम समय सीमा एक वर्ष है. इसके बाद उसके डाक वस्तु पर कोई जवाब नहीं दिया जायेगा.

Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF Download

इस Post Office Guide Part 2 in Hindi Notes PDF में केवल महत्वपूर्ण चीजों को ही शामिल किया गया है तथा सरल व स्पष्ट भाषा में बताया गया है. इसलिए अगर आप भी डाक विभाग के विभागीय परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको डाकघर गाइड भाग 2 पीडीएफ जरुर डाउनलोड करना चाहिए.
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